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Economic Survey 2020-21: जानिये क्या है इकोनॉमिक सर्वे, और क्या है इसका महत्व

🟥 Economic Survey 2020-21: जानिये क्या है इकोनॉमिक सर्वे, और क्या है इसका महत्व 🔰
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इकोनॉमिक सर्वे 2020-21: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ होगी. इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. यह बजट ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इस बार का बजट पेपरलेस होगा. वहीं, बजट को लेकर आज (29 जनवरी 2021) आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा.

क्या है आर्थिक सर्वेक्षण?👇
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की समीक्षा प्रस्तुत करती है. यह एक वार्षिक दस्तावेज़ है. इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. पिछले एक साल में देश में हुए विकास, निवेश और योजनाओं एवं इसके क्रियान्वयन आदि के बारे में जानकारी दी जाती है. सरकार ने किस क्षेत्र के लिए विकास योजना बनाई और उस पर कितना कार्य हुआ यह आर्थिक समीक्षा में बताया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण में छोटी अवधि से लेकर मध्यावधि तक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं गिनवाई जाती हैं. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार करने में कई महीने लगते हैं.

आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है और जब दस्तावेज तैयार हो जाता है तो उसे वित्त मंत्री अनुमोदित करते हैं. बजट सत्र के शुरू होने से पहले इस दस्तावेज को पेश किया जाता है. इसमें निकट भविष्य की योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाती है.

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व👇
आर्थिक सर्वेक्षण को आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) तैयार करता है. यह जानकारी इस सर्वे में दी जाती है कि वर्तमान में देश के मनी सप्लाई का ट्रेंड क्या है. इसके अतिरिक्त यह देश में कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचे के साथ साथ आयात निर्यात का लेखा जोखा होता है. जो बीते वित्त में देश ने इन सेक्टर पर कितना ग्रेथ किया इसको दर्शाता है. यह दस्तावेज सरकार का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक होता है.

आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करना अनिवार्य है?
आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करना जरूरी नहीं है, सरकार इसके लिए किसी तरह से संवैधानिक तौर पर बाध्य नहीं है. यह पूरी तरह से सरकार पर निर्भर करता है कि वह दस्तावेज में सूचीबद्ध सुझावों को चुनना या अस्वीकार करना चाहती है या नहीं. इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार आर्थिक सर्वेक्षण को प्रस्तुत करने के लिए भी बाध्य नहीं है. इसे इसलिए पेश किया जाता है क्योंकि ये महत्वपूर्ण दस्तावेज है.

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